NCRB रिपोर्ट 2022: क्रेडिट/डेबिट कार्ड धोखाधड़ी मामले बढ़े ATM फ्रॉड घटे

देश में हर तरह के अपराध और धोखाधड़ी के मामलो पर नज़र रखने वाली संस्था नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में ये कहा गया है कि साल 2021 में क्रेडिट और डेबिट कार्ड लेनदेन में होने वाले धोखाधड़ी के मामलो में लगातार दूसरे वर्ष वृद्धि हुई है, जबकि एटीएम मशीन से संबंधित धोखाधड़ी में थोड़ी गिरावट आई है।

जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में पूरे भारत के अंदर क्रेडिट और डेबिट कार्ड फ्रॉड के 3,432 मामले दर्ज किए गए है, जो पिछले साल 2020 की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2020 में तो इस तरह की धोखाधड़ी के केस में 70% से अधिक की जबरदस्त वृद्धि हुई थी। इससे साफ़ जाहिर है की सिर्फ दो वर्षों में क्रेडिट और डेबिट कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी लगभग दोगुनी हो गई है। हालाँकि यहाँ पर यह भी देखना होगा की पिछले दो वर्षो में कोविड-19 महामारी की वजह से करोड़ो लोगों की नौकरिया गयी हैं और उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा ख़राब हुई है। 

अगर बात की जाये बैंक धोखाधड़ी के मामलों की संख्या की तो ये 3,062 रहे 2021 के दौरान। इसी समय अवधि में एटीएम (ATM) धोखाधड़ी के 2,914 मामले दर्ज किये गए। 2020 के मुकाबले बैंक धोखाधड़ी के मामलों में 20.8% की गिरावट आयी और एटीएम (ATM) धोखाधड़ी में 1.5% की।

एनसीआरबी ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष 2020 की तुलना में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामलों की संख्या में लगभग 16% की अच्छी खासी वृद्धि हुई है।

कुल मिला के 2021 में 1,74,013 आर्थिक अपराध दर्ज किए गए, और ऊपर बताए गए तीन तरह के आर्थिक अपराध इस टोटल संख्या के एक तिहाई है, जो 2020 की तुलना में 19.4% अधिक है। एनसीआरबी (NCRB) ऐसे आर्थिक अपराधों को तीन श्रेणियों के तहत वर्गीकृत करता है जो कि आपराधिक विश्वासघात, जालसाजी और FCF (forgery, cheating and fraud) है।

किस राज्य में सबसे ज्यादा बैंकिंग फ्रॉड हुए?

वर्ष 2021 में डेबिट और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों की बात की जाये तो 1,092 मामलों के साथ तेलंगाना नंबर एक पर है। क्रेडिट कार्ड, एटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग और ओटीपी से संबंधित धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा 2,800 मामले अकेले हैदराबाद से रिपोर्ट हुए थे।

बीमारू प्रदेश के नाम से प्रसिद्ध उत्तर भारतीय राज्य बिहार कार्ड संबंधित धोखाधड़ी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की लिस्ट में में दूसरे स्थान पर है। हालाँकि तेलंगाना में दर्ज किये गए मामलों की संख्या बिहार के मुकाबले दोगुना अधिक है।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की बैंकिंग फ्रॉड रजिस्ट्री क्या है?

एनसीआरबी (NCRB) की इस रिपोर्ट का महत्व इसलिए और भी अधिक है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी की लगातार बढ़ती घटनाओं की जांच के लिए और उनकी संख्या को कम करने के लिए एक नेशनल फ्रॉड रजिस्ट्री स्थापित करने पर विचार कर रहा है।

यह बैंकिंग फ्रॉड रजिस्ट्री सभी धोखेबाजों का एक डेटाबेस तैयार करेगी जिसमे ऐसे फ्रॉड लोगों के फोन नंबर और आई पी पता (IP Address) से संबंधित पूरी जानकारी होगी। इस डाटा के होने की वजह से जांच एजेंसियों  को जालसाजों और धोखेबाज व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें ब्लैकलिस्ट करने में बहुत आसानी होगी।

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